Tuesday, March 12, 2019

भारतीय हवाई क्षेत्र में नहीं घुस पाएगा विमान

नागर विमान मंत्रालय ने भारतीय हवाई क्षेत्र में बोइंग 737 मैक्स के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी है.

मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि "आज शाम 4 बजे के बाद भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी बोइंग 737 मैक्स मॉडल को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी."

इससे पहले मंत्रालय ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए देश से उड़ान भरने वाले सभी बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगा दी थी.

अब मंत्रालय ने न सिर्फ़ देश के भीतर उड़ान भरने और विदेश से आने वाली बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक लगाई है, बल्कि भारतीय वायु क्षेत्र से होकर एक देश से दूसरे देश जा रहे विमानों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है.

इथियोपियन एयरलाइन्स के विमान के हादसे का शिकार होने के बाद ब्रिटेन, चीन और कई अन्य देशों ने बोइंग 737 मैक्स को प्रतिबंधित कर दिया था.

रविवार को हुए इस हादसे में 157 लोगों की जान गई थी. यह पांच महीने के अंदर 737 मैक्स 8 मॉडल से जुड़ा दूसरा विमान हादसा था.

इससे इतर अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि यह विमान सुरक्षित है.

हालांकि, यूएस एसोसिएशन ऑफ़ अटेंडेंट्स-CWA यूनियन ने संघीय उड्डयन प्रशासन से अपील की है कि सावधानी बरतते हुए अमरीका में 737 मैक्स विमानों की उड़ानों को अस्थायी रूप से रोक दिया जाए.

डीजीसीए ने बोइंग 737 मैक्स विमानों को यह कहते हुए तुरंत प्रतिबंधित करने का फ़ैसला किया है कि जब तक कि सुरक्षित उड़ानों के लिए उचित क़दम नहीं उठाए जाते और ज़रूरी सुधार नहीं किए जाते, तब तक विमानों को उड़ाया नहीं जाएगा.

यूरोपीय संघ एविएशन सेफ़्टी एजेंसी ने भी इसी तरह का फ़ैसला लिया है और कहा है कि उसने सावधानी बरतते हुए विमान पर रोक लगाई है.

दरअसल, बीते रविवार को इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से केन्या की राजधानी नैरोबी के लिए उड़ान भर रहा बोइंग 737 मैक्स विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था.

पिछले साल अक्टूबर में लायन एयरलाइंस का बोइंग मैक्स विमान भी जकार्ता से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हादसे का शिकार हो गया था और 189 लोगों की जान चली गई थी.

लायन एयरलाइंस ने इस विमान को हादसे से तीन महीने पहले ही अपने बेड़े में शामिल किया था.

बोइंग 737 मैक्स-8 का कमर्शियल इस्तेमाल 2017 में ही शुरू हुआ था और सुरक्षा को लेकर कंपनी ने बड़े-बड़े दावे भी किए थे.

कंपनी यह दावा करती है कि इसमें लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो अपने यात्रियों को बेहतर सफ़र का अनुभव कराता है और लंबी दूरी तय कर सकता है.

यह विमान छोटे शहरों को दुनिया के बड़े शहरों से सीधे जोड़ सकता है. बिना कनेक्टिंग फ्लाइट के यह एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप और अटलांटिक महासागर को पार कर सकता है.

भारत में कौन करता था इसका इस्तेमाल

बोइंग 737 मैक्स मॉडल का इस्तेमाल भारत की दो विमानन कंपनियां करती हैं. स्पाइस जेट और जेट एयरवेज़.

स्पाइस जेट 737 मैक्स 8 का इस्तेमाल करती है और हर साल ईंधन ख़र्च में 15 लाख डॉलर की बचत करने का अनुमान लगाया था.

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