Tuesday, July 30, 2019

Росстат: расходы растут быстрее доходов, рост пенсий съедает инфляция

Из доклада Росстата о социально-экономическом положении России в первом полугодии 2019 года можно сделать вывод, что наметившийся было слабый рост доходов россиян сошел на нет.

Русская служба Би-би-си выбрала пять фактов об уровне жизни россиян из документа статистического ведомства.

1. Доходы россиян растут медленнее расходов
В первом полугодии суммарные денежные доходы россиян выросли на 4,6% по сравнению с первым полугодием 2018 года. Общий их объем составил почти 28,4 трлн рублей.

При этом расходы росли быстрее: они увеличились на 6% - до более чем 27,8 трлн рублей.

В расчете на одного человека номинальные среднемесячные доходы россиян в третьем квартале составили 34,4 тысячи рублей. Они выросли в первом полугодии на 4,7%.

Реальные располагаемые доходы(деньги, которые остаются на руках после обязательных платежей с поправкой на рост цен) упали на 1,3%.

Весной этого года Росстат пересмотрел методологию расчета реальных распологаемых доходов и пересчитал данные за прошлые годы. В результате в 2018 году ведомство зафиксировало рост реальных располагаемых доходов на уровне 0,2% (по старой методологии, напротив, было отмечено сокращение показателя).

Росстат объясняет падение инфляцией, а также ростом обязательных выплат (например, процентных платежей по кредитам).

Глава ЦБ Эльвира Набиуллина ранее говорила, что россияне с помощью кредитов пытаются сохранить прежний уровень жизни в условиях спада доходов.

Согласно докладу Росстата, у россиян все меньше возможностей копить. В первом полугодии объем отложенных на будущее средств рухнул на 37% по сравнению с первым полугодием 2018 года. Всего население сберегло за этот период 565 млрд рублей.

В основном население тратило сбережения в первом квартале. Тогда россияне потратили на 223 млрд рублей больше, чем заработали. Во втором квартале они вновь начали копить и всего скопили почти 788 млрд рублей - настолько их доходы превысили расходы.

Пенсии в среднем в первом полугодии этого года выросли на 6%. При этом в реальном выражении, то есть с учетом инфляции цены выросли всего на 0,8%: инфляция съела почти все повышение.

Росстат также считает, какую долю среднего заработка замещает пенсия. В первом полугодии этого года этот показатель составил 30,5%. В первом полугодии прошлого года он составлял 31,3%.

На долю пятой части населения с самыми высокими доходами приходится почти 46% всех денежных доходов россиян. И соответственно на 20% самых бедных приходится 5,6%.

Tuesday, July 23, 2019

多地医保定点药店下架保健食品 专家:不应一刀切

  据中国营养保健食品协会的不完全统计,目前约有20个城市的医保部门以公开发文或以协议约定的方式,明确禁止定点药店摆放、销售保健食品。

  今年以来,多地医保部门以文件通知、协议约定、口头通知、会议通知等方式,要求医保定点药店(以下简称“定点药店”)下架保健食品等非医疗产品。多家保健食品企业及连锁药店相关负责人告诉新京报记者,药店是保健食品的优质销售渠道,受上述规定影响,上半年销售额不同程度下滑,尤其是药店的销售额下滑幅度较大。

  中国营养保健食品协会副秘书长厉梁秋指出,医保部门的上述行为没有合理的法律依据,相应行为可能未进行公平竞争审查。目前,协会正在进行更大范围的调研,并计划针对此事召开研讨会,同时也在努力寻求有关部门的帮助和支持,为更好的营商环境发声。

  出售保健食品或被取消定点资格

  据中国营养保健食品协会的不完全统计,目前约有20个城市的医保部门以公开发文或以协议约定的方式,明确禁止定点药店摆放、销售保健食品。比如,4月16日,锡林郭勒盟医保局发布通知,定点药店摆放保健滋补品等属于违规行为;5月13日,合肥市医保基金管理中心发布通知,定点药店不能摆放和经营医保支付范围以外的其他商品;6月22日后,山西省原平市所有定点药店必须下架非医疗物品⋯⋯

  某保健食品企业科学法规事务部总监徐波(化名)告诉新京报记者,早在2015年前后,很多地方医保部门就陆续发布“定点药店禁售保健食品”的规定,但并未严格执行。去年10月开始,国家医保局开始严打盗刷医保卡等乱象,很多地方医保部门陆续落地原有的要求,抑或是新增规定。除了以文件通知、协议约定的明文方式之外,生产企业和药店反映,很多地方医保部门只是口头通知或会议通知。

  除了下架保健食品外,还有的地区则对保健食品的批文范围进行了限定,如河北省的定点药店只允许销售卫食健字号和国食健字号的保健食品,南宁市则只能销售国食健字号的保健食品。

  7月18日,新京报记者以购买深海鱼油为由,向多个地区的定点药店打电话询问。在全市下架的连云港市,老百姓大药房(解放中路店)工作人员一听深海鱼油,直接表明“定点药店不许卖保健食品”。海王星辰健康药房(连云港巨龙店)工组人员表示,近两年都有说不让定点药店卖保健食品,今年以来管得特别严,只能去非医保定点药店买。此外,徐州的广济连锁药店和延顺堂药房工作人员也做出了上述类似表述。不过,宿州市华丰大药房(胜利路店)表示,店内有保健食品卖,但不能刷医保卡,只能现金结算。

  生产企业与药店销量大幅下滑

  近日,新京报记者从多家保健食品生产企业和连锁药店获悉,受上述规定影响,今年上半年的销售额出现不同程度的下滑。

  “我们95%的店是定点药店,整体销售下滑超过50%。”山东省滨州市某医药连锁药店相关负责人刘正(化名)表示,以前药店的利润主要来自保健食品,今年5月严禁摆放和销售保健食品后,大部分只能退回厂家,少量放在非定点药店销售。

  “药店渠道相对正规和诚信,适合保健食品销售,因此公司销售渠道中药店占比达到60%-70%。”徐波表示,截至今年6月底,公司10个营销大区中共有57座城市的定点药店下架了公司的产品,大批产品被退回,今年上半年销售额下滑超20%。大经销商中,有的半年度销售额从此前的千万元下滑到了今年的几百万元,“只剩下了零头,有的大型连锁药店几乎把所有店面的保健食品下架,哪怕是非定点药店。”

  “南宁连锁药店居多,定点药店在3月底开始只能销售国食健字后,已经给公司造成了上百万元的损失,比如百姓人家药店把我们的产品全部退回。同样是保健食品,为什么要区别对待?”一家维生素类保健食品企业销售大区负责人告诉新京报记者,卫食健字产品很多都是以前的老品牌,包括驰名商标,但在南宁的药店反而不能卖了,让企业很被动,公司主打产品维生素E,90%以上的销量来自药店渠道,如今一个月少卖30多万元,还不算其他产品的损失。

  据国家医疗保障局和国家药监局公布的2018年零售药店数据计算,2018年,医保定点药店达到34.1万家,约占到全国零售药店总数的近70%。“我们目前受到的影响并不是特别大,但这个趋势一旦蔓延,分分钟让我们离场。”一名不愿透露身份的外资保健食品企业相关负责人表示,公司70%-80%的产品销售渠道是药店。

Tuesday, July 9, 2019

कर्नाटक में कामयाब होगी बीजेपी की रणनीति?

लेकिन ये कोशिश पहले जैसी नहीं है, पहले खुले तौर पर ऑपरेशन चलाए गए थे. इस बार उस तरह से नहीं हो रहा है, क्योंकि उस तरह करने से आलोचना होगी.

वो अपना काम तो कर ही रहे हैं. अबतक 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं.

इससे सदन का पूरा आंकड़ा नीचे हो गया है. ये 105-150 पर आ पहुंचा है. अब अगर और विधायक जाते हैं तो बहुमत ना होने की वजह से सरकार गिर जाएगी.

ये साफ है कि जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है, वो बीजेपी के साथ जाना चाह रहे हैं.

मुझे लगता है कि अगर जेडीएस और कांग्रेस अपना घर ठीक-ठाक नहीं रख पाई है तो आप उंगली किसके ऊपर उठाएंगे.

जबसे बीजेपी सरकार नहीं बना पाई और कांग्रेस ने पिछले साल चुनाव के बाद तुरंत कदम उठाकर मात दे दी. तबसे बीजेपी को लगा है कि उनकी सरकार बननी चाहिए, कोशिश भी की, लेकिन कोशिश सफल नहीं रही है.

और अब बहुत सूझ-बूझ के बाद ये कदम उठा रहे हैं और उनकी रणनीति सफल होती दिख रही है.

मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी देश लौटने के बाद हाथ-पैर मार रहे हैं और छोड़ने वाले विधायकों को मंत्रालय ऑफर कर रहे हैं.

लेकिन उन्होंने बहुत देर कर दी है. जैसे कहा जाता है कि घोड़े भाग गए, अब आप अस्तबल को बंद कर रहे हो.

कांग्रेस और जेडीएस के बीच मतभेद पहले से तीखे रहे हैं, ये पहले से मालूम था.

ये भी मालूम था कि बीजेपी ये करेगी, छोड़ेगी नहीं. फिर भी वो अपने समूह को संभाल नहीं पाए.

इसलिए कहीं ना कहीं खामिया रही हैं और गठबंधन में समस्याएं रही हैं. लेकिन वो उसे संभाल नहीं पाए.

निराशा भी बहुत है, लड़ाईयां बहुत हैं. राष्ट्रीय विपक्ष के लिए निराशा की स्थिति है.

एक और बनी हुई सरकार उनके हाथ से निकल जाए, इससे लग रहा है कि संभाल नहीं पा रहे हैं स्थिति को.

बीजेपी आक्रामक राजनीति तो कर रही है, लेकिन ये पिछले साल जितनी आक्रामक नहीं है.

पिछले साल जैसे विधायकों को तोड़ा नहीं जा रहा है और ना वैसे अपनी तरफ ला रहे हैं और होटल में रख रहे हैं.

हालांकि इस्तीफा देने वाले विधायक मुंबई के एक होटल में गए थे, लेकिन उस तरह से बीजेपी आक्रामक नहीं है जिस तरह पहले थी.

अंदर चाहे कुछ भी चल रहा है, लेकिन विधायक जाकर कहता है कि हम आपके साथ नहीं रहना चाहते.

बीजेपी की दिशा बहुत स्पष्ट है. वो अपनी विचारधारा के तहत चीज़े करना चाह रहे हैं.

वो राज्य सभा में बहुमत चाहत हैं और उस दिशा की ओर बढ़ रही है.

लेकिन इस बार बीजेपी आढ़ में सबकुछ कर रही है.

वो सरकार को गिराने के इरादे से तो चीज़ें कर रहे हैं, लेकिन खुलकर नहीं कर रहे हैं.

मुझे कांग्रेस और जेडीएस से ज़बरदस्त निराशा है. सरकार आपके हाथ में आई हुई है, आपको पता है ये होने वाला है, तब भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं आप.

Wednesday, July 3, 2019

Führende Scientologen gehören zu den aktivsten Immobilienplayern der Stadt

Die Scientology-nahe Swiss Immo Trust AG aus Kaiseraugst ist eine wichtige Akteurin auf dem Basler Immobilienmarkt. Dabei geht die Firma nicht gerade zimperlich vor.

Ein Firmengeflecht rund um die Swiss Immo Trust AG in Kaiseraugst war massgeblich an der Finanzierung der Scientology-Zentrale am Rande Basels beteiligt. Recherchen der TagesWoche zeigten, wie führende Personen in diesen Firmen mit ihren namhaften Spenden einen Grossteil des Sektentempels an der Burgfelderstrasse finanzierten.

Doch nicht nur innerhalb des Basler Ablegers von Scientology ist dieses Unternehmen eine relevante Grösse. Wie unsere Datenauswertung zeigt, gehört die Swiss Immo Trust zu den wichtigsten Akteuren im Geschäft der Umwandlung von Mietwohnungen in Stockwerkeigentum.

Die TagesWoche hat die im Kantonsblatt publizierten Handänderungen auf dem Basler Immobilienmarkt seit Mitte 2008 ausgewertet. Eine solche Transaktion beschreibt den Verkauf einer Immobilie. Naturgemäss geschieht dies bei der Umwandlung in Stockwerkeigentum in relativ kurzer Zeit gleich mehrfach. Ein Unternehmen kauft eine Liegenschaft auf, renoviert oder baut neu und bringt die Wohnungen daraufhin einzeln auf den Markt. Statt einem einzelnen Eigentümer gibt es nun viele verschiedene.

Umstrittenes Business
Dieses Business gilt deshalb als umstritten, weil dadurch sehr oft günstiger Wohnraum verloren geht. Bevor die Umwandlung in Wohneigentum möglich ist, müssen die bisherigen Mieter nämlich weichen.

Zwischen 2010 und 2014 war die Swiss Immo Trust an über 50 solcher Handänderungen beteiligt. Bei 43 davon ging es um Stockwerkeigentum, verteilt auf insgesamt fünf Bauprojekte. Die Liegenschaften befinden sich allesamt im Gebiet zwischen Schützenmatt- und Kannenfeldpark. Bei all diesen Projekten immer mit dabei: Rudolf Flösser, leitender Direktor von Scientology Basel.

Grösstes Projekt war die Überbauung zwischen der Türkheimerstrasse und dem Spalenring. Dort kaufte die Swiss Immo Trust zwei ältere Liegenschaften auf, um sie durch einen Neubau mit 21 Eigentumswohnungen zu ersetzen.

Das Projekt an der Türkheimerstrasse wurde von der
BW-Liegenschaftsverwaltung geleitet, die sich ebenfalls in den Händen einer Scientologin befindet.

Dies Leitung dieses Projekts oblag der BW-Liegenschaftsverwaltung GmbH, einer Firma von Brigitte Widmer – Scientologin und potente Spenderin für den Bau der Sektenzentrale. Die Wohnungen waren zuvor sehr günstig, eine 3-Zimmer-Wohnung kostete weniger als 1000 Franken.

Das Geschäft ging nicht reibungslos über die Bühne, weil sich einige der verbliebenen Mieter gegen ihre Kündigungen wehrten. Darunter zwei Gewerbler, eine Druckerei und ein Malergeschäft. Diese suchten Hilfe beim Mieterverband und erhoben Einsprache.

Eine erste Kündigung, ausgesprochen durch die Firma BW-Immobilientreuhand, ebenfalls aus dem Umkreis der Scientology, erfolgte zur Unzeit und wurde deshalb für ungültig erklärt. Das Bauprojekt in seiner ersten Version (hauptsächlich 1- und 2-Zimmer-Wohnungen) hielt der gerichtlichen Prüfung ebenso wenig stand und wurde für untauglich befunden. Die Mieter durften ein Jahr länger bleiben.

Nachträgliche Kosten
Unangenehm aufgefallen ist die Swiss Immo Trust auch auf dem Land. 2008 berichtete etwa der «Blick» von einer Überbauung in Therwil. Dort wurde sämtlichen 28 Mietparteien wegen Sanierungsbedarf gekündigt – ihre Wohnungen wurden danach während der Euro 08 aber für mehr als 400 Franken pro Tag an Fussballfans zwischenvermietet.

In einem anderen Fall in Oberwil kam es zwischen dem Unternehmen und
26 Käuferparteien von Eigentumswohnungen zu einem Streit wegen einer Rechnung von 600’000 Franken. Die Swiss Immo Trust wollte diese Anschlussgebühr für Wasser und Kanalisation nachträglich auf die Käufer überwälzen.

Diese gingen jedoch davon aus, dass diese Gebühren bereits im Kaufpreis enthalten gewesen waren. Erst nachdem wiederum die BaZ recherchiert hatte, zeigte sich die Swiss Immo Trust einsichtig und verzichtete auf die Forderung.