Thursday, December 6, 2018

रेटिंग एजेंसी फिच ने देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% किया

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.4% से घटाकर 7.2% कर दिया है। चालू वित्त वर्ष (2018-19) के लिए यह अनुमान जारी किया गया है। भारत में ज्यादा लागत और नकदी की कम उपलब्धता की वजह से फिच ने अनुमान घटाया है।

साल 2020-21 में ग्रोथ रेट 7.1% रहने की उम्मीद
फिच के मुताबिक अगले वित्त वर्ष (2019-20) में भारत की विकास दर 7% और साल 2020-21 में 7.1% रहने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी ने जून में 2019-20 के लिए 7.5% ग्रोथ का अनुमान जारी किया था।

फिच का कहना है कि भारत की जीडीपी के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने और बाजार में नकदी की कमी को देखते हुए अनुमान घटाया गया है। जुलाई-सितंबर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.1% रही। अप्रैल-जून में यह 8.2% थी।

रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अगले साल होने वाले आम चुनावों को देखते हुए उम्मीद है कि भारत की वित्तीय नीतियां लगातार ग्रोथ को बढ़ावा देने वाली होंगी। फिच के मुताबिक साल 2019 के आखिर तक डॉलर के मुकाबले रुपया 75 तक गिर सकता है।

शेयर बाजार गुरुवार को लगातार तीसरे दिन नुकसान में रहा। सेंसेक्स 572.28 अंक की गिरावट के साथ 35,312.13 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह  35,266.76 तक फिसल गया। निफ्टी की क्लोजिंग 181.75 प्वाइंट नीचे 10,601.15 पर हुई। कारोबार के दौरान इसने 10,588.25 का निचला स्तर छुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोर संकेतों और रुपए में गिरावट जैसी घरेलू वजहों से बाजार में दबाव बढ़ा।

बीएसई, एनएसई के सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट में रहे
सन फार्मा को छोड़ सेंसेक्स के बाकी 29 शेयर नुकसान में रहे। रिलायंस इंडस्ट्रीज 2.72%, यस बैंक 3% और भारती एयरटेल 2.67% लुढ़क गए। निफ्टी के 50 में से 46 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए।

रिजर्व बैंक ने बुधवार को बताया कि रिटेल लोन को एमसीएलआर की बजाय दूसरे मानक से जोड़ा जाएगा। इस वजह से बैंकिंग शेयरों में बिकवाली बढ़ी। तेल प्रोडक्शन घटने की आशंका से मेटल और तेल कंपनियों के शेयरों में दबाव बढ़ा। ओपेक की बैठक में तेल उत्पादन कम करने का फैसला लिया जा सकता है।

No comments:

Post a Comment